आपका हार्दिक स्वागत...

"ख़बरों से रूबरू तो हम अनेक माध्यमों से होते हैं लेकिन “खबर छत्तीसी” ऐसी विश्लेषणात्मक पत्रिका है जो विषय विशेषज्ञों के जरिये खबरों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विवेचनात्मक दृष्टिकोण डालती अपने सामाजिक सरोकारों और दायित्वों का परिपालन करती है. “खबर छत्तीसी” के साथ सत्य को परखिये सर्वथा नवीन वैचारिक धरातल पर.... "

Wednesday 18 July 2012

सामान्य कार्डधारियों को नहीं मिल रहा राशन


रायपुर, 10 जुलाई। राजधानी के शासकीय राशन दुकानों में सामान्य राशन कार्डधारियों को राशन नहीं मिलने से लोग परेशान हैं। 7 तारीख को चावल  उत्सव होने के बाद भी राशन दुकानों से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। बाद में आने या राशन उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर कार्डधारियों को लौटा दिया जाता है। गरीबी रेखा कार्डधारियों को कम मात्रा में ही सही राशन तो मिल रहा है पर सामान्य राशन कार्डधारियों को निर्धारित राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि राशन दुकान संचालकों के द्वारा राशन प्राप्त किया जा रहा है पर वह राशन जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है इसलिये इस मामले में भारी भ्रष्टाचार की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता । कई स्थानों पर राशन दुकान संचालकों द्वारा फर्जी राशन कार्ड बनवाकर राशन की हेराफेरी का मामला भी प्रकाश में आया है। फर्जी कार्ड के आधार पर राशन की कालाबाजारी की जा रही है उसके बाद उन्हें किराना व्यावसायियों के माध्यम से महंगे दामों में बाजार में बेचा जा रहा है। इस प्रकार राशन जरूरतमंदों को न मिलकर कालाबाजारियों के कब्जे में जा रहा है। कुछ मामलों में जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के राशन दुकान संचालकों से मिले होने की बात भी सामने आ रही है जिससे बड़े स्तर पर घोटाले की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सत्तीबाजार में स्थित राशन दुकान में राशन लेने आये एक सामान्य कार्डधारी ने बताया कि दो माह से उसे निर्धारित राशन नहीं मिल सका है। हर बार दुकान संचालक दुकान में राशन नहीं होने की बात कहता है जबकि राशन उपलब्ध है. इसी तरह मठपारा के राशन दुकान में राशन लेने आये व्यक्ति ने बताया कि यहां हमेशा चावल ही उपलब्ध होता है चांवल के अतिरिक्त अन्य कोई सामान नहीं मिल पाता है। यह स्थिति कमोबेश शहर के सभी राशन दुकानों की है क्योंकि बहुत से कार्डधारी ऐसे हैं जो कार्ड के आधार पर राशन नहीं लेते हैं जबकि राशन दुकान संचालकों को उन कार्डों के आधार पर ही राशन मिलता है ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि राशन के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। मिट्टी तेल के लिये तो कार्डधारियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है वह बी उस स्थिति में जब अधिकांश घरों में एलपीजी उपलब्ध है। राशन के इस व्यापार में कुछ बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि बड़े लोगों के सहयोग के बिना राशन के मामले में भ्रष्टाचार असंभव है। इस पूरे मामले में शासन प्रशासन मूकदर्शक की भूमिका में है कई स्थानों पर लगातार शिकायत मिलने के बाद भी राशन दुकान चलाने वालों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि राशन दुकान संचालकों द्वारा की जाने वाली गड़बड़ी को देखते हुये इनके लायसेंस रद्द किये जाने का नियम है। इसके बाद भी इस तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर किसी दुकानदार के खिलाफ शिकायत मिलती है तो उस पर तत्काल उचित कार्रवाई की जायेगी। बहरहाल बढ़ती महंगाई में उचित मूल्य की दुकानों से राशन नहीं मिलने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासक की उदासीनता से राशन दुकान संचालकों के हौसले बुलंद है। अब यही उम्मीद की जा सकती है कि जनता की परेशानियों को ध्यान में रख कर प्रशासन तत्काल इस मामले पर ठोस कार्रवाई की जायेगी।