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Wednesday 18 July 2012

नंदनवन में बंगाल टाइगर अगस्त में


रायपुर, 29 जून। चिडिय़ाघर नंदनवन में इन दिनों बंगाल टाइगर और हिमालयन भालू को लाने की तैयारियां की जा रही है। अगस्त के प्रथम सप्ताह में नंदनवन की टीम बंगाल टाइगर और हिमालयन भालू को लेने कोलकाता व गुवाहाटी रवाना होगी इसके साथ ही राजस्थान से 2 जोड़ी घडिय़ाल तथा ग्वालियर से मादा नीलगाय लाने का भी प्रयास जारी है। वर्ष 1979 में नंदनवन की स्थापना रायपुर शहर से 6 किमी दूर खारून नदी के किनारे लगभग 22 एकड़ जमीन पर ग्राम पंचायत हथबंध विकासखंड धरसीवां में एक नर्सरी के उद्देश्य से की गई थी जहां बाद में वनों से घायल एवं भटके हुए वन्यप्राणियों को लाकर रखा जाने लगा राज्य गठन के पश्चात वन्यप्राणियों की अच्छी देखरेख एवं चिडिय़ाघर के निर्माण को ध्यान में रखकर विकास कार्य तेजी से कराया गया। आठ वर्ष बाद 2008 में सतत् परिश्रम के परिणाम स्वरूप नंदनवन को मिनी जू की मान्यता केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण नई दिल्ली एवं भारत सरकार से प्राप्त हुई। 50 एकड़ के क्षेत्रफल में फैले नंदनवन में कुल 200 से अधिक वन्य प्राणी तथा पक्षी रखे गए हैं। जल्दी ही इससे लगी लगभग 8 एकड़ भूमि के हस्तांतरण का कार्य भी कर लिया जाएगा जिसमें स्नेक पार्क बनाया जाएगा। शेरों तथा अगस्त माह में आने वाले बंगाल टाइगर के लिए बड़े पिंजरे बनाने की योजना है। वर्तमान में नंदनवन में आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बैटरी चलित वाहन की खरीदी भी की गई है जिसकी लागत लगभग 8.50 लाख रुपए बताई जा रही है। इस वाहन में 11 पर्यटकों के एक साथ बैठकर घुमने की सुविधा है इसके लिए पर्यटकों को 20 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा। इस वाहन द्वारा नंदनवन के लगभग सभी क्षेत्रों का भ्रमण किया जा सकता है। 50 एकड़ में फैले इस परिसर को घूमने के लिए प्रदान की जा रही इस सुविधा को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। वन्यप्राणियों के चिकित्सकीय सुविधा का ध्यान रखने तथा आवश्यकता पडऩे पर कहीं लाने ले जाने अथवा किसी अन्य स्थान से जानवर पकडऩे के लिए एक रेसक्यू वाहन की भी व्यवस्था नंदनवन प्रशासन द्वारा की गई है। वन परिक्षेत्र अधिकारी डी.एन. वर्मा ने बताया कि यह एक सुविधायुक्त वाहन है जिसमें ऑटोमेटिक लिफ्ट के माध्यम से अंदर लगे पिंजरे को जमीन में उतारकर बड़ी आसानी से जानवरों को इसमें चढ़ाया या उतारा जा सकता है। इसके अतिरिक्त वाहनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में भी यह वाहन उपयोगी है इस वाहन में डॉक्टरों की एक प्रशिक्षित टीम भी उपस्थित रहती है जो प्राणियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा का ध्यान रखती है। चिडिय़ाघर प्रशासन से मिले निर्देश के बाद जानवरों की संख्या और नंदनवन के क्षेत्रफल को बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास जारी है अभी कुछ ही दिन पहले नंदनवन में ग्वालियर जू से आठ मगरमच्छ लाए गए हैं। इसी तरह काले हिरणों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। अगस्त माह में बंगाल टाइगर, हिमालयन भालू, नीलगाय गोह, तथा चौसिंगा जैसे वन्यप्राणियों के आने के बाद इसमें और भी अधिक वृद्धि हो जाएगी। क्षेत्रफल की दृष्टि से नंदनवन को विकसित करने के लिए आसपास के जमीनों के अधिग्रहण का प्रस्ताव है 8 एकड़ भूमि का अधिग्रहण शीघ्र हो जाने की संभावना है। समय के साथ नंदनवन में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है वर्ष 2011-12 के आंकड़ों पर गौर करें तो 3,86,746 पर्यटक यहां आए। इस संख्या में अगस्त माह में नये जानवरों के आने के बाद और भी वृद्धि होने की संभावना है।